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Ajay Nidaan

Abstract

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Ajay Nidaan

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विचारधारा

विचारधारा

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किसी बनी बनाई विचारधारा

की चादर में लिपटा हुआ

समाज उसी चादर के चश्मे से

नारी के लिए मापदंड निर्धारित


करता है और पूरी

क़ाबिलियत सिमट जाती है

एक नारी की,

इसी दायरे मे रहकर सबकुछ

करना है, लेकिन सवाल


ये उठता है कि पुरुष

भी उसी चादर को ओढ़ता है

लेकिन उसके लिए मापदंड

अलग हो जाते है ऐसा क्यों ?


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