आईना
आईना
1 min
191
आईना टूटा ही निकला
तेरी चाहत का
किसे दिखाते अपनी सूरत
क्योंकि
देखने वाले के पास भी
चाहत को देखने की
नज़र चाहिये,
कही वो भी हमें मोहरा
बनाकर सिर्फ इस्तेमाल न
कर ले इस इरादे से
दिल के दरवाजे बंद हैं
मगर अपने ज़मीर की
आवाज़ अभी बुलंद हैं।
