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कवि हरि शंकर गोयल

Classics Fantasy Inspirational

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कवि हरि शंकर गोयल

Classics Fantasy Inspirational

ऊंचाइयां

ऊंचाइयां

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ऊंचाइयों पर पहुंचना सबको अच्छा लगता है 

मगर वहां पर बने रहना

बड़ा मुश्किल होता है।


अपने कुनबे के साथ वहां

अभिमान का वास होता है 

उससे जो दूर रह पाये , वो 

इंसांन कुछ खास होता है ।


माना कि इस दुनिया जहां में

आसमान बहुत ऊंचा होता है 

मगर इस आसमां से भी ऊंचा 

हर आदमी का हौसला होता है 


हौसलों की उड़ान पर सवार होके

अरमानों के सुनहरे पंख लगाकर 

कल्पनाओं के अथाह सागर में 

गोता लगाकर मिलती हैं ऊंचाइयां।


पर इतना ऊंचा भी ना हो जाना

कि आदमी उसे कीड़े-मकोड़े लगें 

भगवान को काल्पनिक बताने लगो 

अभिमान में कुछ भी अंट शंट बकें।


विनम्रता फल की तरह होती है 

जो पेड़ जितना ऊंचा होता है 

उसमें फल उतने ज्यादा लगते हैं 

फलों से वह नीचे झुकने लगता है 


जिंदगी जीने का यही सिद्धांत है 

ऊंचाइयां खूब हासिल करिए 

मगर विनम्रता को मत भूलिए और 

लोगों को आश्रय प्रदान कीजिए।


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