The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW

उसे गरजने दो

उसे गरजने दो

1 min
271


पनप रही कलियां बहार काश्मीर उसे पनपने दो

खिल रही चमक चेहरे आवाम उसे चमकने दो।

है परेशान दुशमन कश्मीर क्यो खुशियाँ आई है

महक उठी वादिया काश्मीर उसे अब महकने दो।

आतंक के नसे मे चूर पाक बौखलाया हुआ है

चढ़ा जो नसा गुरूरे आतंक उसे बहकने दो।


पकड़ लिया हाथों कलम जहाँ पत्थर होते थे

उठ रही जो लहर खुशी उसे अब लहकने दो।

बहुत हो चुका कत्लेआम धमाका खूब जन्नत में

उठी जो आग वतन परस्ती उसे अब दहकने दो।

घाटी थी जहन्नुम जलजला बना डाला था उसने

सिमट रही हवा हैवानगी उसे अब सिमटने दो।

जो ठहर चुका दरियाए पानी पत्थर ना मारिये

उठ रही चहक जश्ने आजादी उसे चहकने दो।

पलट चुकी है बाजी धारा तीन सौ सत्तर हटी

जागी जो उम्मीदों रोशनी उसे अब चमकने दो।

गुरूर है भारती हिंदे वजीरे आला शेरे हिन्द है

गरजता है दुशमनों छाती अब उसे गरजने दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational