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Geetika Kaur

Abstract

2.0  

Geetika Kaur

Abstract

उम्र बहुत है उनकी

उम्र बहुत है उनकी

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उम्र उनकी बहुत है

लम्बी है बहुत

जानती हूँ मैं

कृष्ण ने कहा था,


 रूह नहीं मरा करती,

बस शरीर मरता है।


हाँ, जज़्बात भी नहीं मरते

मैं उन्हें मरने ही नहीं दूंगी

ज़िंदा रखूंगी, बातों में, यादों में

फिर हँसकर पूछ लूंगी राज़।


कैसे चाँदी नहीं उगी उनके ?

कैसे युवा वो नज़र आते हैं ?

हाँ, मम्मी-पापा की

बहुत से तरीकों से

उम्र लंबी कर दिया करूँगी।


उम्र बहुत है उनकी वैसे।


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