STORYMIRROR

Palak Gada

Inspirational Others

1  

Palak Gada

Inspirational Others

उम्मीद

उम्मीद

1 min
182

अंधेर से गगन में इक रोशनी के उम्मीद की ही कमी थी,

हार मानने के सौ पन्ने थे और आस की एक ही लकीर थी।

पर फिर भी दिल कहता था,

हार के खाली पन्ने पर इक लकीर की शुरुवात ही जीत थी,

उम्मीद पर तो दुनिया कायम है पगले

इस पन्ने को हमारी ही तो राह थी।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Palak Gada

Similar hindi poem from Inspirational