उजियारा
उजियारा
नया दिन
नई उमंग
मिल कर
बढ़े संग
कटार फेंक
आगे बढ़ें
बाल संग
याद करें
घनघोर अंधेरा
करे बखेड़ा
आगे चलें
न खलें
घड़ी कामयाब
खिले आफताब
छल कपट
दिए लपट
मिलकर बढ़ें
काहे कूढें
जीवन जीना
सीढ़ी चढ़ना
हरपाल खिले
क्षितिज मिले
पिनाकी विश्वास
संघटन आस
झूठ छलावा
झूठा दिखावा
करो दूर
सर्प फुर्र
समय चाहे
बाल चाहें
भविष्य सुधरे
मिठास अधरे
विश्वास कायम
चाहत नयम्म
नीति नियत
सुधारो फिदरत
लो संकल्प
न अल्प
आगे बढ़ें
निरंतर चढ़ें
छुरी तलवार
कर दरकिनार
चाहत अलबेली
बनी पहेली
सब सुझाव
आगे झुकाव।