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मयखाने सी डगर मयस्सर है मगर चाहत है बड़ी मीनार है अड़ी मयखाने सी डगर मयस्सर है मगर चाहत है बड़ी मीनार है अड़ी
आखिर "हरपाल" डोर हुई कमज़ोर मन में बैठा गजब सा चोर। आखिर "हरपाल" डोर हुई कमज़ोर मन में बैठा गजब सा चोर।
मौन आंखें टाल जाती हैं परेशानियां तो बहुत हैं जीवन में मौन आंखें टाल जाती हैं परेशानियां तो बहुत हैं जीवन में
नया दिन नई उमंग मिल कर बढ़े संग। नया दिन नई उमंग मिल कर बढ़े संग।