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आस्था जैन 'अंतस'

Inspirational

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आस्था जैन 'अंतस'

Inspirational

तू देश नहीं

तू देश नहीं

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तू देश नहीं

तू माँ है मेरी,

है तेरे ही लिए

साँसे मेरी।

मेरे रक्त में

बहता प्रेम तेरा ,

मेरे शौर्य से है

श्रृंगार तेरा,

तेरी गरिमा से

तेरी महिमा से,

गाथा है मेरे

बलिदानों की,

तू देश नहीं

तू माँ है मेरी।


हर कर्म मेरा

कर्तव्य मेरा,

तेरी पूजा है

पुरुषार्थ मेरा,

तेरी रक्षा में

तेरी सेवा में,

है पूर्ण समर्पित

जान मेरी,

तू देश नहीं

तू माँ है मेरी।

आज़ाद रहे

आबाद रहे,

भारत माँ का

जयनाद रहे,

शहीदों से है

संकल्प लिया,

अब गिनती न रहे

गद्दारों की,

तू देश नहीं

तू माँ है मेरी।



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