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Himani Bhardwaj

Inspirational

4.9  

Himani Bhardwaj

Inspirational

तू चलता रह

तू चलता रह

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वो दिन के 24 घंटे जो तुझे तेरी मंज़िल तक पहुंचाएंगे,

वो जो बीतने के बाद ना कभी लौट के आएंगे।

तू चलता रहा तो मंज़िल मिल ही जाएगी,

खुद नियति भी जब तेरा साथ निभाने आएगी।


गिरेगा तू, लड़खड़ाएगा तू, वो नहीं है हाथ में तेरे,

पर गिरकर उठना और उठकर चलना ये तो नहीं है बस के बाहर तेरे।

तेरी किस्मत भी तेरा साथ निभाएगी,

तू चलकर तो देख मंज़िल खुद आसमान से उतर के आएगी।


कोई तेरे साथ नहीं तो क्या ग़म है,

पर तू खुद का साथ दे ये भी क्या कम है।

जो जल रही है तेरे सीने में वो लौ है तेरे इरादों की,

हवा लगने पर भी जो ना बुझ सके वो चिंगारी है तेरे हौसलों की।


ना कोई है दूर तुझसे ना कोई है पास तेरे,

जो तूने किया वही साथ जायेगा तेरे,

उसकी मर्ज़ी भी तेरे आगे झुक कर दिखायेगी,

तेरे इरादों की चमक जब उसकी आंखों को जलाएगी।


उठा के कदम शुरू तो कर ये सफर,

जब हौसलें है बुलंद तो फिर है किस चीज़ डर।

हाथों की लकीरें पढ़ना अब कर बंद,

अभी से चल और जीत के दिखा ज़िन्दगी की जंग।


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