तुमसे है प्रेम
तुमसे है प्रेम
तुमसे है प्रेम कितना
बताऊँ तो कैसे बताऊँ
तुम्हें सोता देखें जो आँखें
जी चाहे देखें ही जाऊँ
तुम्हारे पास रहने को
लाखों बहाने जुटाऊँ
शब्द कम पड़ने लगे हैं
भला तुमसे कैसे जताऊँ!
तुमसे है प्रेम...

