तुम्हारा इंतजार
तुम्हारा इंतजार
कभी सोचता हूं तुम मिले ही क्यूँ मुझे
जब से मिले हो तब से बस तुम ही तुम नजर आते हो
ना सामने आते हो कभी और ना ख़्वाबों मे मिलते हो.
कभी आकर उन फूलों को छूकर तो देखो
जो बिना तुम्हे देखे मुरझा से गये हैँ
एक बार आकर उन हवाओं को भी महसूस करो
जो तुम्हारे इन्तजार मे शायद बहना भूल गये हैँ..
तुम्हारे जाने के बाद तो जिंदगी बदल सी गई मेरी
अब ख्वाहिश है तो बस तुमसे एक मुलाक़ात
या फिर हमेशा की तरह तुम्हारा इंतज़ार।