STORYMIRROR

Ramashankar Yadav

Romance

4  

Ramashankar Yadav

Romance

तुम राहें बदल लेना।

तुम राहें बदल लेना।

1 min
513

यूँ ही कोई पागल , कोई दिवाना समझ लेना

जब लगने लगे बोझ ये रिश्ता, तुम राहें बदल लेना।


ना करुँगा कोई शिकायत, ना नाराजगी जताऊँगा

दबा के सारा गुबार दिल में, कहीं दूर चला जाऊँगा।


मान कर कोई बुरा सपना, नई दुनिया बसा लेना

जब लगने लगे बोझ ये रिश्ता, तुम राहें बदल लेना।


तुम्हें पाने की हसरत, जाने कितनों की थी

मैं भी उनमे से था, ए सबको बता देना।


कोई पूछे जो तुमसे, क्युँ ऐसा किया तुमने?

बिन सोचे तुम मुझ पर, इल्जाम लगा देना।।


फिर लाज मुहब्बत की रखने, कर लेना सजल नैना

जब लगने लगे बोझ ये रिश्ता, तुम राहें बदल लेना।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance