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Vishakha Gavhande

Inspirational

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Vishakha Gavhande

Inspirational

तुम कभी मत आना

तुम कभी मत आना

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सुलझी सुलझी  है अब “रातें“ मेरी 

 उलझाने अब तुम आ जाओ ना, 

 

सुलझे सुलझे से है “जज़्बात“ मेरे 

अब थोड़ा भी उसे उलझाना, 


अधूरे अधूरे से कुछ “सवाल“ मेरे 

उनके जावाब देने 

तुम कभी मत आना, 


बस फासला ही तो है कुछ “दूरी“ का 

इक कदम भी आगे तुम मत बढ़ाना, 


अबकी बार “तुम“कभी मत आना........।


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