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Sheetal Dubey

Inspirational

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Sheetal Dubey

Inspirational

तुम अलग नहीं बस सही हो।

तुम अलग नहीं बस सही हो।

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याद है मुझे,

कैसे आंखें भर आई थी मेरी।

तकलीफ़ देखकर तुम्हारी,

मेरी रूह तड़पी हो जैसे।


तुम किरदार नहीं आइना हो,

जो सच ही तो दिखाता है,

कितनी भी कड़वी हकीकत हो,

यह कुछ नहीं छुपाता है।


ईशान, तुम अलग नहीं,

बस सही हो,

तुम जैसे हो तुम वही हो,

ना छुपाते हो तुम खुदको,

पहने के मुखौटा सच्चाई का।


तुम अलग नहीं बस सही हो,

तुम जैसे हो तुम वही हो।

मुझे सिखाया है ना बनना कोई और,

जो मन कहता है उसे करने मे ना कोई बैर।


सपने तो होंगे जरूर पूरे,

देखें है जो इन आंखों ने कोरे,

आज नहीं तो कल के सवेरे।


तुम अलग नहीं बस सही हो,

तुम जैसे हो तुम वही हो।


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