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Ervivek kumar Maurya

Romance

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Ervivek kumar Maurya

Romance

तुझे गाता हूँ मैं

तुझे गाता हूँ मैं

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गुनगुनाता हूँ मैं तुझे गाता हूँ मैं

तेरे ख्यालों में खो भी जाता हूँ मैं

वो नजदीकियां प्यार में बारीकियां

हर कदम पर तेरी वो मदहोशियाँ

तेरे मदहोश बाँहों में आगोश भर आता हूँ मैं

गुनगुनाता......

तेरा चंचल बदन मेरा चितवन सा मन

मेरे प्यार में लिपटा जो तेरा तन ये बदन

हर तरफ प्यार की है जलती शमां

वो चाहे जितना बुझाना, न बुझाता हूँ मैं

गुनगुनाता......

तेरा ये तरासा संग-ए-मरमर सा बदन

उसपे खिलता हुआ तेरा ये यौवन

चाँद सा चमकता चेहरा तेरा

उसपे काली घटाओं जैसे जुल्फों का है पहरा

गोद में सर रख के सो जाता हूँ मैं

गुनगुनाता हूँ मैं तुझे गाता हूँ मैं



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