तो क्या करता
तो क्या करता
देख वतन नाजुक हालात,
मै बदहवास न होता तो क्या करता
किये अपने ही घर सत्यानास,
मैं बदहवास न होता तो क्या करता
हुआ कही दंगा काही फसाद,
मै बदहवास न होता तो क्या करता
उसने कहा झूठ सच के इतने पास,
मैं विश्वास न करता तो क्या करता
गैर तो गैर अपने करे विश्वाषघात,
मैं बेमौत न मरता तो क्या करता
चीन पाक डर नहीं भाई करे आघात,
मैं आहत न होता तो क्या करता
किया खातिर जिसके निकला दगाबाज,
मैं फूटफूट कर न रोता तो क्या करता
वो तेरा नहीं कहा किसी ने मत कर विश्वास
मैं उलझन मे न पड़ता तो क्या करता
भर दिया पत्थरों से गलिया शहर सारी,
मैं सर बच्चो न बचाता तो क्या करता
मसले हल करने के बजाय हंगामा शहर में
मैं मुंह बंद न करता तो क्या करता
लड़ खुद आपस में दिये मौका दुशमनों,
मैं घर अपना न बचाता तो क्या करता
बनके अपना घोपते हैं खंजर पीठ में
मैं उनसे दूरियाँ न बढ़ाता तो क्या करता।