तेरी याद
तेरी याद
"एक तेरी याद है, जो दिल से
कभी जाती नहीं।
रोज सोचती है न आये मगर,
सिसकियों में उलझी है,
ग़म-ए-दास्तान सुनाती नहीं।
रात हुई जब शाम के बाद,
फ़िर नींद की चौखट पे
दम ये तोड़ने लगी,
कहती है ग़म बड़ा गहरा है,
कहती है ग़म बड़ा गहरा है..
न सुलझती है, न बताती है कभी..!!"

