तेरी तस्वीर बनाने में
तेरी तस्वीर बनाने में
तेरी तस्वीर बनाने में
ये रंग भी बेरंग लगते हैं ।
जब तेरे अंग अंग खिलते हैं ,
वही तेरी तस्वीर को रंगत देते हैं ।
जो अल्फाज तेरे होठों से निकलते हैं,
तेरी तस्वीर को गुलाब की रंगत देते हैं ।
तेरी झील से गहरे नैन , नींदे उड़ाए छीने सबका चैन ,
आकर भरते हैं तेरी तस्वीर में सुरमा नित नैन ।
ये काले घने बादल ,
ओड़े तेरी जुल्फों पर काली चादर ।
तेरी तस्वीर बनाने में ,वो मजा क्या है ,
जो तुझ में समाने में है ।।