होली के रंग
होली के रंग
राम ने रहीम को चुना ,
रमज़ान ने भी राम का नाम लिया l
इंसानियत ने इंसान को प्यार का पैगाम भेजा ,
हरा और भगवा में अंतर ना करना
ईश्वर और अल्लाह ने कुरान और भगवत में लेख लिखा l
नभ में बिखरे हैं फागुन के रंग
ये रंग अंतर ना करें किसी धर्म और संप्रदाय के अंदर l
लाल चुनर ओर या हिजाब को डाल के रंग
हिना या मेहंदी दे एक ही रंग l
भूल के सारे द्वंद ,
गाए मिलकर मिलाप के स्वर ।
होली है ! रंग ना करें भेद किसी के संग
यह द्वंद के रचेता है कुर्सी के संग l
भूल के सारे भेदभाव
आओ रंगे एक दूसरे को होली के रंग ,
बेरंग जिंदगी में भरे भाईचारे के नए रंग l