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Deepti Khanna

Abstract

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Deepti Khanna

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नदी

नदी

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माता समान है तेरा आंचल 

रत्नगर्भा हो तट,

जहाँ से बहती तेरी धारा।


तेरे साथ सुख-दुख सब हमने बांटा,

जीवन और अंतिम यात्रा का

गोता तुझ में ही लगाया।


तूने भी सब ,हमारे सारे दोष धोकर, 

हमें पातक से मुक्त कराया।


हम तुच्छ प्राणी क्या,

देव भी तुझे प्रणाम करते हैं,

इसलिए तुझे स्वर्ग से धरती पर

लाने के लिए तपस्या करते हैं।


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