लड़की
लड़की
नीर समान,
सहृदय करे
सब का मान
जग जननी है ये लड़की,
करो ना इसका अपमान।
बेटी बनाकर इसे गले लगाओ,
इसकी भ्रूण की हत्या ना कर,
इसे जीने का अधिकार दिलाओ।
बुरी नजर ना इस पे डालो,
ये है देवी का स्वरूप
अंबा गोरी काली और
भी है इसके रूप।
सब दुख सह कर भी
ये कर देती है
घर को स्वर्ग समान।
महकता है वो घर का आंगन,
जहाँ होता है लड़की का
बहू या बेटी की तरह स्वागत।