तेरी राह में
तेरी राह में
तेरी राह में पलकें बिछाये
बैठे है हम इस आस में
के आओगे तुम मिलने हमें
कहीं ना कहीं...
बड़े प्यार से संजोये है कुछ
सपने
जरा देख तो लो आके
ख़्वाब में ही सही
की टूट कर बिखर जाये हम
इतना ना तड़पाओ हमें..
जरा छूकर महका तो दो इन्हें
बड़ी शिद्दत से संभाले है
यादें तुम्हारी
गर दूरी ज़रुरी ही है इतनी...
तो साँस भी भरना छोड़ दे
हम सीने में अपने
तुमसे पल भर के लिये भी
दूर रहना गंवारा नहीं...

