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Swati Gawai

Others

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ऐ बारीश....

ऐ बारीश....

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तेरी बाहों में समा के हम 

दर्द सारा भूल गये 

प्यार भरे उन लम्हों से हम

ख़ुशियों के सागर में डूब गये....


अब ना तो कश्ती है ना मांझी है

साहिल है ना किनारा है

मझधार में हम डूब रहे

ना तो साथी है ना सहारा है....

ऐ बारीश....

   



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