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Dr.Sarita Tank

Romance

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Dr.Sarita Tank

Romance

तेरी चाह

तेरी चाह

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तमन्नाओं की भीड़ में ख्वाहिशों की सजा मिली,

मुझे तनहाइयां मिली थोड़ी रुसवाईयां मिली।


तेरे वादे के दामन को पकड़ कर चल दिए थे हम

करे क्या हम की राह हमें अकेली खुद तन्हा मिली।


तेरे अश्कों की बूंदोंको समेटा था मेरे नैनों में,

तेरे होठों के कंपन में भी हमने सुर सजाए थे।


तेरे कदमों की आहट से धड़कता था यह दिल मेरा

तेरे कदमोंके रुकने से फिर मेरी धड़कन तन्हा मिली।


तमन्नाओं की भीड़में ख्वाहिशों की सजा मिली,

मुझे तनहाइयां मिली थोड़ी रुसवाईयां मिली।

                    


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