भारत गान
भारत गान
तीन रंगों का जोड़ा मेरी भारत माँ का है।
तीन रंगों का जोड़ा मेरी भारत माँ का है।
गीता है इसकी माता, कुरान से नाता है ।
बाइबिल और गुरुद्वारा जिसके गीत गाता है ।
जहाँ गहरा नाता जन-जन का हर एक को भाता है ।
तीन....
गंगा,यमुना जैसी नदियाँ जिसके चरण पखारे।
तान के सीना खड़ा हिमालय जिसको तिलक लगाए।
वादी ये कश्मीर की रोशन जिसकी माँग सजाए।
जहाँ सूरज आ हर नई सुबह का शंख बजाता है।
तीन....
जहाँ गाँधी और रानी ने चलकर देश के कदम बढ़ाए।
हर एक छोर है अपना कह कर खुद चलते ही जाए।
जो दुश्मन की तलवार पर सीना तान के मरते जाए।
जहाँ जन-गन-मन का एक ही नारा दिल दोहराता है।
तीन....
यहाँ होली,दिवाली,ईद,दिसंबर मिलकर साथ मनाये।
सब रिश्ते-नाते भूल कर एक नई पहचान बनाए।
दुश्मन है लोहा,पारस भारत कहलाता है,
भारत सारी दुनिया में अमृत भर जाता है,
सारी दुनिया की आँखे बस भारत कहलाता है!
तीन....
मेहनत ,ताकत ,हिम्मत अपने खून से की सिंचाई,
तभी हमारे भारत ने सोने की सूरत पाई।
नापाक इरादे दुश्मन के बस पैसे की ही कमाई।
रिश्ते कैसे निभाए बस भारत सिखलाता है।
तीन....