तेरे मासूम से चेहरे में
तेरे मासूम से चेहरे में
तेरे मासूम से चेहरे में मेरी दुनियां बस्ती है,
तोतली बोली में माँ सुनने को तरसती है।
तेरे आने से बदल गयी है मेरी ज़िन्दगी,
तेरे लिए मंज़ूर है मुझे किसी की भी बंदगी।
रात भर की गहरी नींद भी कम लगती थी,
कहीं भी आने जाने में मेहनत कम लगती थी।
आज मुझे मंज़ूर है तेरे लिए दिन रात का जागना,
तेरी एक मुसकान मिल जाये फिर थकान का क्या कहना।
तेरे मासूम से चेहरे में मेरी दुनियां बस्ती है,
तोतली बोली में माँ सुनने को तरसती है।
मन करता है तुझे दूँ ज़िन्दगी की सारी खुशियां,
किसी दर्द को कभी तू कर भी ना पाए बयां।
सिखों तुझे सजींदगी जीने क सही सलीके,
गम कहीं तुझे दूर तक छू भी ना सके।
जीवन क हर रस्ते पर रहना तू अडिग,
न रहना तू किसी बात से अनभिज्ञ।
तेरे मासूम से चेहरे में मेरी दुनियां बस्ती है,
तोतली बोली में माँ सुनने को तरसती है।
नहीं ज़रूरी तेरा हर परीक्षा में अव्वल होना,
तू बस किसी लम्बी रेस में ना रहना।
रखना अपनी दुनियां से अलग एक सोच,
हर परिस्थिति में तेरे साथ हो सिर्फ सच।
हासिल करना ज़िन्दगी में एक अच्छा मुकाम,
नहीं बन के रहना तू कोई आम।
तेरे मासूम से चेहरे में मेरी दुनियां बस्ती है,
तोतली बोली में माँ सुनने को तरसती है।