स्वाद मेरी वफा का
स्वाद मेरी वफा का
स्वाद मेरी वफा का तुमने चखा नहीं
थोड़ा सा कडवा है पर बेवफा नहीं
ढूंढ लो मुझसे बेहतर शायद मिल जाएं कहीं
पर मेरे जैसी वफा शायद वो भी करेगा नहीं
मालिक मेहरबान हैं मुझ पर ये मैं जानता हूँ
अपना सबकुछ बस एक खुदा को मानता हूँ
कठिनाइयां आती है मेरी हिम्मत बढ़ाने के लिए
मैं खुद को उलझा कर सुलझाना जानता हूँ
जब जब होता हूँ मैं बेचैन और अकेला
दूसरी दुनिया से जुडता है तार मेरा
दुनिया के लिए मैं जिद्दी पागल ही सही
पर हृदय रखता साफ जानता है खुदा मेरा।