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Chandra prabha Kumar

Abstract

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Chandra prabha Kumar

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सुनो समझो

सुनो समझो

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सुनो समझो

 कुछ बातें ऐसी है जो मुझे कहनी हैं,

 जो मुझे बहुत प्यारी महत्वपूर्ण हैं,

 यदि मेरे शब्द थोड़े स्पष्ट नहीं हैं,

क्या तुम सुनने में सहायता करोगे?


 कुछ बातें हैं चीज़ें हैं जो मैं कहना चाहती हूँ,

 शब्द खिड़कियाँ भी हैं,दीवार भी हैं। 

 जब मैं बोलती हूँ और सुनती हूँ,

 मेरे द्वारा प्यार का प्रकाश फैलना चाहिये। 


 मेरे शब्दों के बीच से मुझे सुनो,

 और जो भावना में बाँटना चाहती हूँ उसे समझो। 

 मेरी उम्र की संध्या के इस मोड़ पर

 मुझसे बोलने कहने में नहीं बनता।


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