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Pinky Dubey

Abstract

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Pinky Dubey

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सुन्दर सी नारी है सब पे भारी

सुन्दर सी नारी है सब पे भारी

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सुन्दर सी नारी है सब पे भारी

रोको उसे न टोको उसे 

ना समझो भोगी।


देके अपने दूध की कसम

न उसे कमज़ोर करो 

बढ़ने दो, लड़ने दो। 


ना बनो उसके पैर की बेड़ियाँ​ 

ना उसे फूल की तरह

कुचलों भी। 


लावा की तरह जब वो फुटेगी 

तब पड़ेगी बारी आज की नारी 

बढ़ने दो लड़ने दो उसे 

उड़ने दो उसे।


मत रोको न मत टोको  

पढ़ने दो चलने दो

बस आगे ही आगे।


तभी तो बढ़ेगी

आज की नारी।


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