सुमर-सुमर जस
सुमर-सुमर जस
सुमर-सुमर जस गावै,
मैया जी को, खूवै मनावें।
नवरात्रि के शुभ दिन आयें,
मैया के मठ खूबै सजाये।
नर-नारी जस गायै,
मैया जी को खूवै मनावें।
सुमर-सुमर------
पण्डा ने मैया जी के वो दयें जवारे,
मंगल कलश सजे द्वारें-द्वारें।
घण्टा और शंख बजावें,
मैया जी को खूवै मनावें।
सुमर-सुमर------
मैया के द्वारें पै भीड़ लगी है,
मैया की मूरत लागे भली है।
सब मिल दर्शन पावै,
मैया जी को खूवै मनावें।
सुमर-सुमर-----
नर-नारी मिल टेर लगावें,
ध्वजा नारियल भेंट चढ़ावें।
मनवांछित फल पावै,
मैया जी को खूवै मनावें।
सुमर-सुमर-----
