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Vimla Jain

Comedy Romance Classics

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Vimla Jain

Comedy Romance Classics

सुहाना मौसम और चाय

सुहाना मौसम और चाय

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सुबह-सुबह जब अपने को तैयार चाय कोई भी बड़े प्यार से पिलाएं तो मन खुशी से भर उठता है और रह जाए अगर अपने प्रियतम के हाथ की हो तू तो उसका मजा ही दुगना हो जाता है। चाय की चुस्की यों के साथ मेरी कविता

क्या बताऊं आज तो मजा ही आ गया।

बहुत ही जोरदार खिलखिलाती सुबह थी।

हल्की हल्की धूप सूरज देवता चमक रहे थे, लाली अपनी बिखेर रहे थे। बगिया में भी फूल खिले थे।

चिड़िया तोता मैना की बैठक जमी थी। सबकी मनमोहक आवाजें मन को लुभा रही थी।

तभी पतिदेव जी की बनाई हुई मनमोहक सुगंध वाली चाय

जो खास हमारे लिए बनी थी हमको ललचा रही थी।।

आज के सुबह तो वाकई बहुत खास है बहुत खिलखिलाती है।

क्योंकि आज पतिदेव जी ने अपने हाथो से हमारे लिए चाय जो बनाई है। और हमको प्यार से पिलाई है।

तो हम भी क्या कम थे हमने भी बदाम वाला गुड़ का हलवा जो सर्दी के अंदर बहुत अच्छा लगता है।

सुबह का मजा डबल कर देता है वह बनाया

और उनको प्यार से खिला दिया।

वह भी खुश हम भी खुश और सुबह भी खुश।

चुस्कियां लेते हुए चाय पीने का आनंद ही कुछ और है जो आज हमने उठाया

वह इस तरह हमने खुशनुमा सुबह का आनंद भी ले लिया।

ऐसे ही रोज खिलखिलाती सुबह आती रहे और हमारा मन लुभाती रहे। और पतिदेव के हाथ की चाय रोज पिलाती रहें।

तो मजा ही आ जाए।


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