सतीप्रथा
सतीप्रथा


कुछ नही था ऐसा
बस था एक षड्यंत्र
अब मूर्खो को कैसे समझाए
यही तो था अपयश तुम्हारा
जब संस्कृति को स्त्रीलिंग समझ
अंग्रेजो ने किया इसे शर्मशार
पर फिर भी भारत की भोली जनता
मान ली उनकी बात
अरे रात में शादी करवाना
बच्चो की शादियां करवाना
सती प्रथा का प्रपंच करवाना
ये सब था भारत के समय की माँग
अब भी नही समझे तो
पढ़ो इतिहास भारत का
ओर उन विदेशियों का
तब करना अपने प्रथा का अपमान
सती प्रथा थी गौरवशाली
पर तुमने चाहा इस्लामी बाजारों पर
नंगा खड़ा होकर खुद को बिकवाना
अरे सती प्रथा गौरवशाली थी
पर तुमने चाहा अंग्रेजो के हवस का शिकार बनना
अब भी नहीं समझे अपने प्रथा को तो
धिक्कार है तुमपर
आज तुम्हे शर्म नही इज्जत नहीं खुद की
तो ऐसा सोच इतिहास की महिलाओं पर क्यों थोपना
बंद करो सुनी सुनाई बातों को
आज से इतिहास की किताबें खोल
बैठो अपने आंगन को।