STORYMIRROR

only action हिंदी में

Classics Inspirational Thriller

4  

only action हिंदी में

Classics Inspirational Thriller

सतीप्रथा

सतीप्रथा

1 min
39

कुछ नही था ऐसा 

बस था एक षड्यंत्र

अब मूर्खो को कैसे समझाए 

यही तो था अपयश तुम्हारा


जब संस्कृति को स्त्रीलिंग समझ

अंग्रेजो ने किया इसे शर्मशार 

पर फिर भी भारत की भोली जनता 

मान ली उनकी बात


अरे रात में शादी  करवाना

बच्चो की शादियां करवाना

सती प्रथा का प्रपंच करवाना

ये सब था भारत के समय की माँग


अब भी नही समझे तो

पढ़ो इतिहास भारत का

ओर उन विदेशियों का

तब करना अपने प्रथा का अपमान


सती प्रथा थी गौरवशाली

पर तुमने चाहा इस्लामी बाजारों पर

नंगा खड़ा होकर खुद को बिकवाना 

अरे सती प्रथा गौरवशाली थी

पर तुमने चाहा अंग्रेजो के हवस का शिकार बनना


अब भी नहीं समझे अपने प्रथा को तो

धिक्कार है तुमपर

आज तुम्हे शर्म नही इज्जत नहीं खुद की

तो ऐसा सोच इतिहास की महिलाओं पर क्यों थोपना


बंद करो सुनी सुनाई बातों को

आज से इतिहास की किताबें खोल 

बैठो अपने आंगन को।


Rate this content
Log in

More hindi poem from only action हिंदी में

Similar hindi poem from Classics