सरल नही होता
सरल नही होता
सरल नहीं होता किसी पथ पर चलना
सरल नहीं होता यहां मंजिल मीलना
हजारों समस्या का सामना होता है
बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है पाने को
कभी कभी स्वंय से हारना पड़ता है
चलते चलते बिखरना पड़ता है कभी
फिर उठकर चलना सिखना पड़ता है
कभी कभी दीप-सा जलना पड़ता है
तो कभी कभी जूगनु बनना पड़ता है
अंधेरी रातों में कई बार जागना होता है
धूप, ठंडी, बारीश ये मौसम नहीं है
इन्हें अपना साथी बनाना पड़ता है
तब कहीं तुम पथ पर चल सकते हो
तब तुम मंजिल की ओर बढ़ सकते हो।