सफर
सफर
यह सफर अनजान लगता है
बन गए बोझिल रिश्ते
चलना कहा आसान लगता है।
कौन समझ पाया है मुझे
निभाना मुश्किल लगता है।
कितना भी कहो अब तुम झूठ
क्या वह सच्चा लगता है।
सिर्फ वादों से कहा चलती जिंदगी
प्यार अब झूठा लगता है ।
दिल के टुकड़े कर पूछा हाल क्या है ?
दिपान्जली आप ही अब दिलाने लगते हो।