सोशल मीडिया की आटी घुटी
सोशल मीडिया की आटी घुटी
दादी ने पोते से बोला क्या दिन भर फोन लेकर बैठा रहता है।
तरह-तरह के मुंह बनाकर फोटो लेता रहता है।
क्या करता है इन फोटो का तु
पोता बोला दादी आप पुराने जमाने की हैं।
यह जमाना नया है।
यह सोशल मीडिया का जमाना है।
यह एक रंगीन दुनिया है।
दादी बोली मुझको समझा दे। क्या है इसके राज बता दे।
पोते ने दादी को समझाया।
यह एक रंगीन दुनिया है।
जहां सब कुछ मिलता है।
तरह-तरह के लोग मिलेंगे। तरह-तरह की चीज मिलेगी। दोस्त मिलेंगे नकली हंसी मिलेगी।
नकली पसंद ना पसंद मिलेगी। लाइक और डिसलाइक का यह जमाना है।
जो चाहिए वह सब मिलेगा।
समय गुजारने का ही अच्छा साधन है।
अब तो दादी को भी मजा आने लगा वह बोली मुझे भी इसका थोड़ा समझा दे।
मुझे भी एक अकाउंट खुलवा दे।
पोते ने दादी को अकाउंट खुलवा दिया।
अब तो दादी दिन भर फोन लेकर उस सोशल मीडिया के अंदर ही घुस गई।
एक दिन उन्होंने पोते की फोटो किसी लड़की के साथ देख ली।
उसके आते ही उसके कान खींचने लगी।
पोता बोला मैंने क्या कर दिया।
दादी बोली आज मैंने तेरा अकाउंट देख लिया ।
तेरा पूरा कच्चा चिट्ठा देख लिया।
पोता हंसकर बोला मैंने इसलिए थोड़ी आपको अकाउंट खुलवाया था कि
आप मेरे ही अकाउंट के अंदर चली जाएं।
और मेरे सारे राज जान जाए।
अब मुझे मेरी आईडी बदलना पड़ेगी।
दोनों में बहुत तू तू मैं मैं हुई बहुत प्यार भरा झगड़ा हुआ मगर
फिर पोते ने अपनी बातों के लाग लपेट में दादी को फंसा कर मना लिया।
और सोशल मीडिया की अपनी आईडी को बदल दिया ।
हंसते हुए वह दादी को बोलता है मैंने तो आपको एक अच्छी बात सिखाई थी ।
सोशल मीडिया का मेंबर बनाया था।
मगर आप तो मेरी ही नीव खोदने में लग गए।
अभी तो उस लड़की से मेरी दोस्ती ही हुई थी
आगे बात बनी नहीं थी।
उससे पहले ही आपने तो धमाका कर दिया।
और मुझको आगाह कर दिया।
तो यह है सोशल मीडिया का कमाल जो जैसा होता है।
वह वैसा दिखता नहीं है ।
जो उसके अंदर घुसता जाए
इसकी लत लग जाती है।
वापस निकलता बहुत मुश्किल हो जाता है।
इसीलिए दोस्तों जितना जरूरत हो उतना ही सोशल मीडिया के बअंदर अपना समय बिताएं।
सही और गलत को पहचान करो।
ताकि धोखे में तुम ना फंस जाओ।
पैसे का लेनदेन तो कभी सोशल मीडिया के दोस्तों के साथ ना करो।