समय हुआ
समय हुआ
रात बीत गई,
सूर्य उदय हुआ।
कुछ करने का समय हुआ।।
कुछ करने का समय हुआ।।
अपने उन्माद को संतुलित कर,
विषाद को त्याग,
उद्वेग को तीव्र करने का समय हुआ।
कुछ करने का समय हुआ।।
कुछ करने का समय हुआ।।
नाकामी के मर्म को जान,
निस्तब्ध मत हो,
भविष्य को पहचानने का समय हुआ।
कुछ करने का समय हुआ।।
कुछ करने का समय हुआ।।
अवांछित कर्म की तिलांजलि दे,
थकान को मिटा,
बाज की शून्य में उड़ान का समय हुआ।
कुछ करने का समय हुआ कुछ।।
कुछ करने का समय हुआ।।
विक्षिप्त मस्तिष्क को समेट,
तंद्रा से जाग,
अब खुद को साबित करने का समय हुआ।
कुछ करने का समय हुआ।।
कुछ करने का समय हुआ।।
