पथ कठिन सही
पथ कठिन सही
पथ कठिन सही तुम डरो नहीं।
बस डटे रहो तुम हटो नहीं।।
पथ कठिन सही...…..
आसान अगर इतना होता हर शख्स आज अर्जुन होता।
तुम जैसे योद्धा की फिर इस जग में जरूरत क्या होती।।
इस कर्म मार्ग में रुको नहीं...
पथ कठिन सही तुम डरो नहीं।
बस डटे रहो तुम हटो नहीं।।
अपमान अगर सहना हो तो सम्मान सहित तुम सह जाओ।
इस कर्म भूमि में स्वार्थ रहित अपनी नियति को लिख जाओ।।
यह मत सोचो तुम धन्य नहीं...
पथ कठिन सही तुम डरो नहीं।
बस डटे रहो तुम हटो नहीं।।
निष्कपट मनुज अवतरो सदा संसार प्रेम का प्यासा है।
तेरे कर्मा आलिंगन से तुझको ही बहुत सी आशा है।।
जल बिना मीन अस्तित्व नहीं...
पथ कठिन सही तुम डरो नहीं।
बस डटे रहो तुम हटो नहीं।।
आरंभ करो इस चौसर को यह मत सोचो कि क्या होगा।
बलिदान स्वयं को करने को बस शंखनाद करना होगा।।
जन्म दात्री माता की सौगंध है पीछे हटो नहीं...
पथ कठिन सही तुम डरो नहीं।
बस डटे रहो तुम हटो नहीं।।