सम्मान
सम्मान
एक लडक़ी थी बहुत पढ़ी लिखी लड़की थी।उसकी शादी एक आर्मी वाले लड़केे से हो गई ।वो अपनी शादी से बहुत खुश थी, वह अपने पति के साथ बाहर चली गई, कुुुछ साल बाद वह मां बनने वाली थी, उसका पती बॉर्डर पर लड़ रहा था, तभी उसको एक गोली जाकर सीने में लग गई और वह वहीं दम तोड़ दिया। खुशियों के बीच मातम छा गया लेकिन उसकी पत्नी को कुछ भी नहीं बतााया गया जैसे ही घरवालों को ये खबर लगी उसको लेने उसके ससुर गए वह बार-बार पूछती थी कि मेंरे पति कहां है लेकिन कुछ भी नहीं कोई बोलता ।
जब घर आती है तो , सबको रोते देख उसके आंखों मे भी आंसूू आ गया और वह भी , रोने लगी कुछ , देर बाद सब औरते उसको बताती है कि तुम्हारा पति मर गया है , फिर भी उसको , विश्वास नही हो रहा था उसने बोला सब झूठ बोल रहे हैं , कुुुछ घंटो , बाद उसकी लाश आयि ,तब देेेेखी और फुट फुट , कर रोने लगी सबलोग उसका सिंदूर मिटाने , लगे कुछ देर बाद लाश , को ले गए लोग और एधर उसको विधवा बनादिया गया। कुछ दिन बाद लोग उसे , अछूत मानने लगे , किसी भी शुभ कार्य में , या कोई शादी में नही जाने देते उसको वह घर में अकेली बैठी रहती ।
आपने बैैैैठी रहती कुछ दिन बाद उसके पति का किरिया कर्म बीतने के बाद उसने सोचाा , कि आगे मै कुछ काम करू ताकि , घर अच्छे से चले पैसे की कमी ना हो, क्योंकि उसके घर में एक ही कमाने वाला था। जो अब नहीं है । तभी जैैसे ही बाहर , वालो को पता चला तो उसको सबलोग बुरा भला कहा,लोग सुनाने लगे उसको। फिर वह कुछ साल बाहर नही निकली अब तो उसका बेटा भी बड़ा हो गया था ।
धीरे धीरे पैसे कि कमी होने लगी फिर उसने , सोचा किसी , स्कूल मे , पढ़ाते हैं , उस समय भी लोग ताने सुुुुनाए लेेकीन वह किसी कि नहीं सुनी वह स्कूल में पढ़ाने लगी कुछ दिन बाद वह बच्चों के विचारो को बदलने कि सोची ताकि , जैसे उनके मा बाप के पास र्विचार थे । वैसे न हो उसके लिए कि एक , विधवा हैधीरे धीरे वह आगे बढ़ने लगी । धीरेेे धीरेे सबकाविचार बदलने में सफल हुई और उसे बहुत मान सम्मान देने लगें लोग जो भी बाहर का उसको भला बुरा कहता था तो झट से जबाव देते थे लोग की ये मेरे यहां की विरबधू की पत्नि है। उसको सब लोग विधवा के जगह वीर वधू बुलाते थे। और उसकी बहुत सारा मान सम्मान मिला। वह ख़शी खुशी रहने लगी।
