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VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

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VIPIN KUMAR TYAGI

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समाज

समाज

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समाज सभी सभ्यता में होते,समाज सभी देशों में होते,

समाज सभी मनुष्यों को आदर्श सिखाता,समाज सभी की शिक्षा की व्यवस्था करता,

समाज सभी को विकास की राह सिखाता,समाज मनुष्य को आगे बढ़ना सिखाता,

समाज सभी की प्रगति सुनिश्चित करता,समाज सभी के लिए सामाजिक नियम तय करता,

समाज सभी के लिए कानून की व्यवस्था करता,समाज क्या करने की अनुमति क्या करना अपराध है निर्धारित करता,

अनेक समाज मिलकर प्रदेश बनाते,अनेक प्रदेश मिलकर एक देश बनाते,

अनेक देश मिलकर एक महादीप बनाते,अनेक महादीप मिलकर पूरा विश्व बनाते,

समाज की प्रगति ही देश की प्रगति होती,समाज की बर्बादी ही देश की बर्बादी भी होती,

समाज को उसके नेता ही दिशा देते,समाज को उसके नेता ही प्रगतिशील बनाते,

समाज सभी सभ्यता में होते,समाज सभी देशों में होते।


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