सीधी बात है
सीधी बात है
खून पसीना एक कर दिया था तुझ को पालने में
गया तू किसी और के संग हमें बुढ़ापे के संग छोड़कर
हमने भी तेरी यादें मिटा दी दिल के हर एक कोने से
नहीं की हमने गलती तुझे सीधी बात समझाकर
दिन हो या रात, ना कोई लड़की अकेली घूम सकती है
कर देते हैं उसको रेज़ा रेज़ा इंसानियत को भूल जाते हैं
ज़िंदा दफ़ना दो उन दरिंदों को टुकड़े टुकड़े करके
नहीं की मैंने गलती सब को सीधी बात कहकर
दीवानों की तरह चाहा, उसका हर एक रास्ता आसान किया
वो बेवफ़ा निकली, किसी और के साथ चल पड़ी
वादा दिलाया उन दोनों से अब सिर्फ
एक दूसरे के ही होकर रहना
नहीं की मैंने गलती उसको सीधी बात कहकर
