मेरा रहबर
मेरा रहबर
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
हाथ पकड़ कर लिखना सिखाया तूने
बिना कोई रिश्ते के पढ़ना सिखाया तूने
डाँटा है तूने, मुझे मारा भी तूने
अंधेरे में चलने का होंसला भी दिया तूने
काँटों और फूलों में फ़र्क़ दिखाया तूने
काँटे ही फूल की हीफाज़त करते हैं, ये भी बताया तूने
तेरी नाराज़गियों से कामयाबियों पर पहुंचाया तूने
तू रहबर है, मंज़िल का सही रास्ता दिखाया तूने।