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Atul Agarwal

Drama Inspirational Tragedy

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Atul Agarwal

Drama Inspirational Tragedy

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि

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क्रन्दन कर रहा था,

उनके लिए,

कोकिला का कंठ स्वर.


चन्दन जल रहा था,

उनके लिए,

जो शहीद हो कर हो गए अमर.


शहीदों पर गर्व था,

सोच रहे थे,

हमको भी पकडनी है,

क्या यही डगर ?


बिछोह का गम था,

सोच रहे थे,

इस अग्नि में भस्म हो जाएगा,

क्या सब कुछ जल कर ?


हम भी तो थे,

फूल चुनते हुए,

चन्दन की राख में,

सब ही तो थे,

याद करते हुए,

जिस्म मिल चुके थे खाक में.


हमने भी तिलक लिया,

उस राख का,

कुछ जोश लिए.

सबने याद किया,

उस वीर को,

जिसकी राख ने हज़ारों वीर पैदा किए...!




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