"शरद का आगमन"
"शरद का आगमन"
बागों में बहार आई,
शीतल पवन,सरसराई।
कुदरत ने ली करवट,
सुहानी शरद ऋतु आई।
स्वच्छ हुआ व्योम है,
खिल रहा है सोम है।
सरोवर निर्मल भयें,
नीला-नीला व्योम है।
हल्की-हल्की शीत आई,
आद्रता चहुं ओर छाई।
धरती शोभा को पाई,
रात को फैली जुन्हाई।।
