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J P Raghuwanshi

Abstract

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J P Raghuwanshi

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"शरद का आगमन"

"शरद का आगमन"

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बागों में बहार आई,

शीतल पवन,सरसराई।

कुदरत ने ली करवट,

सुहानी शरद ऋतु आई।


स्वच्छ हुआ व्योम है,

खिल रहा है सोम है।

सरोवर निर्मल भयें,

नीला-नीला व्योम है।


हल्की-हल्की शीत आई,

आद्रता चहुं ओर छाई।

धरती शोभा को पाई,

रात को फैली जुन्हाई।।


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