शक्ति स्वरूपा
शक्ति स्वरूपा


हे नारी! तू आगे बढ़,
अंधेरे रास्ते से मत डर।
कई भेड़िये की निगाहें तुझे देखेंगे,
कई बांधाए है तुझे टोकेंगे।
लेकिन तुझे आगे बढ़ना ही होगा,
अपने कर्तव्य को निभाना ही होगा।
भूल मत तेरे अंदर ही है महाशक्ति की निवास,
जिससे तू कर सकती है शत्रुओं को परास्त।
मत समझ खुद को तू अबला,
इस समाज को आत्मनिर्भर बन कर दिखला।
तेरे आगे बढ़ने से ही समाज का होगा कल्याण,
कायरता को मत अपना होगी तेरी जयगान।
मां दुर्गा ने जैसे किया था महिषासुर का नाश,
उसी तरह राह के भेड़ियों को कर दे तू परास्त,
अब उठ जा अब तू भूल मत तू है शक्ति स्वरूपा,
साथ है तेरे सिंघवाहिनी त्रिशूलधारी मां दुर्गा।