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Uttirna Dhar

Others

4.3  

Uttirna Dhar

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तस्वीर

तस्वीर

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इस तस्वीर में न जाने क्या राज़ छिपी है,

यह स्थिर है लेकिन बहुत कुछ कहती है।

इसमें एक ही दृश्य देखने को मिल रहा है,

लेकिन देखते ही मन खिल रहा है।

यादें पुराने ताजा हो रही है,

अतीत को बार-बार स्मरण करा रही है।

अनजाने दुख घिर रहे है,

खुशी की अनुभूति भी हो रही है।

इस हंसने और रोने के बंधन में उलझ कर,

खो जाती हूं मूकदर्शक बनकर।

अपलक खड़े रहकर तस्वीर को,

निहारती रहती हूं बार-बार।



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