शिवरात्रि
शिवरात्रि
अब सुन लो डमरू शंकर की
ये है बारात प्रलयकर की।
शिव ने शक्ति समेटी है
अपनी जटा लपेटी है।
चित और आनंद मिलेंगे
कैलाश में किसलय खिलेंगे।
सृष्टि का होगा स्पंदन
कल्प नया, करो अभिनन्दन।
नव चेतन का चिन्मय गीत सुनो
शिवरात्रि का संगीत सुनो।