STORYMIRROR

Bal Krishna Mishra

Drama Classics

4  

Bal Krishna Mishra

Drama Classics

॥ शिव-शक्ति संकल्प ॥

॥ शिव-शक्ति संकल्प ॥

1 min
47

शिवालयों से शंखनाद हुआ, 

गूंजा यह संदेश,

हर नारी में दुर्गा जागे, 

हर पुरुष शिव रूप बन जाए।


हर थिरकन में सृष्टि की लय,

साँसों में ओमकार समाए।

हर नारी में दुर्गा जागे,

हर पुरुष शिव रूप बन जाए।


सृष्टि का हर कण है पावन, 

शक्ति का हर रूप अनमोल,

नारी जब सँवारे घर-आँगन, 

और रण में भरती हुँकार।

दुर्गा बन संहारे दानव, 

काली बन मिटाए अंधकार,

उसकी ममता में विष्णु बसें, 

संहार में बसा महेश का सार।


ब्रह्मा-विष्णु-महेश की शक्ति 

हर थिरकन में सृष्टि की लय

हर नारी में दुर्गा जागे, 

हर पुरुष शिव रूप बन जाए।


पुरुष जब ध्यान में लीन हो, 

जटा में गंग बहे अविरल,

डमरू की थाप पर नाचता, 

काल भी बन जाए शांत और सरल।


मिट जाए असुरत्व जगत से,

सतयुग सा उजियारा आए।

हर नारी में दुर्गा जागे,

हर पुरुष शिव रूप बन जाए।


पार्वती संग प्रेम है उसका, 

अर्धनारीश्वर रूप महान,

हर पुरुष में वही शिवत्व है, 

जो त्याग और तप का है ज्ञान।


~ बाल कृष्ण मिश्रा, नई दिल्ली |

मोबाइल : 8700462852


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama