शिक्षक
शिक्षक


टुटते स्वप्न को भी आकार देता हूं
अल्हड़ जवानी को संवार देता हूं
मार्क्स तक ही सीमित मेरी ताकत नहीं
दुनिया बदलने की औकात रखता हूं!
असफलता परखती है हौसलें सबके
मैं हौसलों से उड़ान भराता हूं
ये आपदा हमें क्या रोकेगी
मैं तो कच्ची मिट्टी से भी ताज बनाता हूं!