शगुन,,,,,
शगुन,,,,,
शगुन अपशगुन में ना उलझ
मनवाणी को संयम रख,,,,
ऐ मानव ले संकल्प ,,
जो व्यवहार स्वयं के लिए पसंद नहीं
व्यवहार दूजे के साथ नहीं करूंगा
खुद खुश रहूंगा,,
दूजे को भी खुश रखूंगा,,
अखा तीज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
शगुन अपशगुन में ना उलझ
मनवाणी को संयम रख,,,,
ऐ मानव ले संकल्प ,,
जो व्यवहार स्वयं के लिए पसंद नहीं
व्यवहार दूजे के साथ नहीं करूंगा
खुद खुश रहूंगा,,
दूजे को भी खुश रखूंगा,,
अखा तीज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।